मध्य प्रदेश जबलपुर में आज 24 फरवरी से नर्मदा तट पर ग्वारीघाट में 'नर्मदा गौ कुम्भ' का आयोजन किया जाएगा. इसका मुख्य आकर्षण नर्मदा नदी के किनारे बनने वाला राम मंदिर होगा. अयोध्या में बनने वाले रामलला के भव्य मंदिर की तर्ज पर, यह राम मंदिर बनाया जा रहा है.
नरसिंह मंदिर में आयोजित हुई पत्रकारवार्ता में स्वामी वासुदेवाचार्य ने जानकारी देते हुए बताया कि 9 दिन चलने वाले इस भव्य धार्मिक आयोजन में देशभर के साधु-संत शामिल होंगे. 24 फरवरी को नरसिंह मंदिर शास्त्री ब्रिज से साधु-संतों की पेशवाई में यात्रा आरंभ होगी, जो ग्वारीघाट स्थित गीताधाम पहुंचेगी. इसी के साथ गौ कुंभ का शुभारंभ होगा. यहां हर दिन संतों का सम्मेलन होगा. साथ ही धार्मिक अनुष्ठान भी आयोजित किए जाएंगे. 3 मार्च को शाही स्नान के साथ 'नर्मदा गौ कुम्भ' का समापन होगा. शासन-प्रशासन ने भी 'नर्मदा गौ कुंभ' को लेकर विशेष तैयारियां की हैं. नर्मदा तट पर साधु-संतों के ठहरने और विश्राम के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. वहीं सुरक्षा के लिए भी बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया जा रहा है.
'नर्मदा गौ कुम्भ' के माध्यम से एक बड़ा संदेश देने की तैयारी है. संत समाज का मानना है कि मां नर्मदा और गौ माता दोनों ही पूजनीय हैं, और इन दिनों दोनों की हालत दयनीय है, इस आयोजन के माध्यम से नर्मदा के संरक्षण और गौ सेवा का संदेश देने का प्रयास रहेगा.